जाति के आधार पर आरक्षण के विरोध में प्रदर्शन

जोगिंद्रनगर (मंडी)। जाति के आधार पर आरक्षण को लेकर शुक्रवार को जोगिंद्रनगर में विकास खंड चौंतड़ा के तहत आने वाले विभिन्न राजपूत संगठनों ने एक मंच पर इकट्ठा होकर आरक्षण के खिलाफ अपनी जमकर भड़ास निकाली और विरोध प्रदर्शन किया। चौंतड़ा विकास खंड के तहत आने वाली लगभग 33 पंचायतों के सैकडों महिलाओं और पुरुषों ने राजपूत सभा के बैनर तले जोगिंद्रनगर शहर में प्रदर्शन किया और जाति आधार पर आरक्षण देने का जमकर विरोध किया।
राजपूत सभा ने अपनी समस्याओं का ज्ञापन उपमंडलाधिकारी किशोरी लाल के माध्यम से राज्यपाल को भेजा। उन्होंने दिए अपने ज्ञापन में कहा है कि आजादी के बाद सभी सरकारों की भेदभाव पूर्ण और वोट की राजनीति के कारण आरक्षण की समस्या गंभीर रूप धारण कर रही है। इसके चलते इस जाति के लोगों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। सभी सरकारें यह मान कर चल रही हैं कि राजपूत जाति हर तरफ से साधन संपन्न और समृद्ध है। उसी के अनुरूप योजनाएं बनाई जाती रही हैं, जो इस जाति के साथ सरासर अन्याय है। हिमाचल प्रदेश की आबादी का पचास फ ीसदी हिस्सा इसी जाति से आता है। अधिकाश्ंा लोग किसान हैं, जिनकी औसत जमीन पांच बीघा से भी कम है। इस कारण लोग सेना में रोजगार को पसंद करते हैं, लेकिन सेना में भी कोटा राज्य की जनसंख्या के हिसाब से निश्चित कर दिया गया है। जाति आधार पर आरक्षण के कारण 501 प्रतिशत नौकरियां राज्य में आरक्षित हैं और जो 50 प्रतिशत बचती है, उनमें आरक्षित वर्ग की क्रीमी लेयर, सवर्ण जातियां अन्य धर्मों के लोग सबका समान अधिकार बनता है। अत: 50 प्रतिशत आबादी वाले राजपूत समुदाय के लिए मुश्किल से 10 से 15 प्रतिशत नौकरियां मिल पाती हैं। इससे इस जाति के बच्चे बेरोजगार रह कर कुंठित और हीनभावना के शिकार होते जा रहे हैं।
सभा के प्रधान रोशन लाल ने कहा कि सरकार इस पर एक आयोग बिठाए और रिपोर्ट के आधार पर इस जाति के कल्याण के लिए योजनाएं बनाई जाएं। आरक्षण का ढांचा जाति के आधार पर न होकर आर्थिक आधार पर किया जाए। इसी प्रकार अंतरजातीय विवाह पर प्रोत्साहन राशि बंद की जाए।

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